लखी बाबुल मेरो

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शाम फूल गई है, अब शायद बारिश न हो। मेरे आने के दो घंटे बाद उनका यह पहला वाक्य था। उनके कहने पर मैंने अपनी किताब से आंखें उठाकर खिड़की से ...

अध्याय

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